Friday, May 6, 2011
नंदन के साथी
आज सुबह ही अचानक याद आया कि नंदन से सेवामुक्त हुए एक साल से छह दिन ऊपर हो गए। पता नहीं कैसे जंजालों में पड़ा होऊँगा कि कुछ याद ही नहीं रहा। पर फिर फोटो टटोले तो मिल गए और उनके साथ खूब वे घड़ियाँ ताजी हुईं। नंदन वालों ने बेशक बहुत प्यार दिया है, वरना मुक्त होने के बाद लोग तो पुराने साथियों को याद रखना भी जरूरी नहीं समझते। और यहाँ तो हालत यह हहै कि मुझे किसी ने यह एहसास ही नहीं होने दिया कि मैं नंदन में नहीं हूँ।
अलबत्ता उस दिन के कुछ फोटो यहाँ दे रहा हूँ। हालाँकि उन्हें देककर मैं आज भी चौंकता हूँ कि भला उस दिन मैं इस तरह एकदम पागलों की तरह खुश क्यों था। अलबत्ता, क्यों था, यह ना भी पता चले, पर इतना तो पता चलता ही है इन फोटो से कि उस दिन मैं खुश बहुत था।
तो चलिए, अब जरा फोटो पर एक नजर डाल लीजिए। हाँ, फोटो में शामिल आत्मीय जनों से आपका परिचय करा तो भूल ही गया। सबसे आगे प्रसन्न मुद्रा में श्रीमती क्षमा शर्मा, नंदन की कार्यकारी संपादक। साथ में हैं अनिल जायसवाल,चेतन पंवार, विमल चतुर्वेदी, देवेंद्रकुमार गेरा तथा सुनीता तिवारी। नंदन की उत्साह भरी टीम। इऩमें चेतन पंवार अब स्वतंत्र वेब डिजाइनर।
नंदन के साथियों के साथ ही नजर आ रही हैं डा. सुनीता और अपर्णा मनु।
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