Thursday, May 5, 2011

इंटरनेट पर हिंदी


इऩ दिनों यूनिकोड के आ जाने से हिंदी में अलग-अलग फांट्स के कारण होने वाली मुश्किलें काफी हट तक दूर हो चुकी हैं। लिहाजा स्वाभाविक ही हिंदी ने इस दिशा में मजबूती से पैर जमाए हैं। इनमें से कई ब्लाग्स तथा वेबसाइट मुख्य रूप से हिंदी साहित्य से जुड़ी जानकारी देती हैं। और कहीं-कहीं तो बाल साहित्य को लेकर भी अच्छे काम हो रहे हैं।
नागेश ने बालमंदिर नाम से एक मंच बनाया है, जहाँ सारे बाल साहित्यकारों की रचनाएँ एक साथ देखने को मिल जाती हैं।
इसी तरह अनुराग का लेखक मंच भी बड़ा अच्छा काम कर रहहा है और यह किसी अच्छी और सुलझी हुई साहित्यिक पत्रिका का सा रस देता है।
मेरी भी एक वेबसाइट ट्राईपाड पर है, पर इसमें अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
इनके लिंक इस प्रकार हैं--

dr.prakashmanu.tripod.com
baal-mandir.blogspot.com
lekhakmanch.com

ऐसे ही कई अच्छे काम और हो रहे होंगे। उनके बारे में पता चलेगा, तो उन्हें भी एक जगह पर दर्ज करना चाहूँगा, ताकि आसानी से उन तक आवाजाही हो सके।

2 comments:

  1. आदरणीय भाई साहब मनु जी ,
    स्नेहिल प्रोत्साहन के लिए आभारी हूँ .
    आपका ब्लाग देखकर बहुत ख़ुशी हुयी .आपका आशीर्वाद पाकर तो और भी अच्छा लगा . हाँ , बाल - मंदिर का लिंक तो यह है -http://baal-mandir.blogspot.com/ कृपया ठीक कर लेंगे .
    आपके सतपरामर्श से मैंने बाल - मंदिर में विरासत स्तंभ प्रारभ कर दिया है . इसमें बाल साहित्य के युग पुरुषों की रचनाएँ आती रहेंगी .
    पुन: आपको बहुत बहुत आभार .

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  2. धन्यवाद नागेश, मैंने तय किया है कुछ समय तक लगातार बाल साहित्य को लेकर अपनी संक्षिप्त टिप्पणियाँ देता रहूँगा। और मेरी कोशिश होगी कि बाल साहित्य में इधर जो भी मूल्यववान हो, उसे मैं यहाँ प्रस्तुत करूँ या उसके बारे में लिखूँ। भले ही वह कोई अच्छी किताब हो या पत्रिका हो, कोई ब्लाग हो या कोई आयोजन। यह एक भिन्न तरह से तुम्हारे ही काम का संपूरक होगा। टिप्पणी के लिए बधाई। मेरा ब्लाग तुम्हारी तुलना में बहुत रूखा-सूखा सा है, पर मैं इसे इसी रूप में चलाऊँगा। जिनकी रुचि है, वे तो किसी न किसी तररह यहाँ भी पहुँच ही जाएँगे।

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