tag:blogger.com,1999:blog-5770204405653136666.post650398347557667355..comments2018-05-09T02:43:28.219-07:00Comments on Prakash Manu... प्रकाश मनु: बाल साहित्य का आलोचना-पक्षPrakash Manu प्रकाश मनुhttp://www.blogger.com/profile/04172383673707393967noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5770204405653136666.post-15758442565464995862011-05-10T04:28:45.041-07:002011-05-10T04:28:45.041-07:00धन्यवाद प्रिय नागेश, इस बात पर मेरा ध्यान नहीं गया...धन्यवाद प्रिय नागेश, इस बात पर मेरा ध्यान नहीं गया था। अब जल्दी ही फोटो के साथ कैप्शन भी दूँगा। हम सब लोग मिल-जुलकर काम करें तो बाल साहित्य की दुनिया में कुछ काम हो सकता है। जबकि अभी तो बहुत काम करने की दरकार है।Prakash Manu प्रकाश मनुhttps://www.blogger.com/profile/04172383673707393967noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5770204405653136666.post-38272051767743222902011-05-09T11:55:32.868-07:002011-05-09T11:55:32.868-07:00प्रणम्य भाई साहब , आपकी टिप्पणियां बाल साहित्य के...प्रणम्य भाई साहब , आपकी टिप्पणियां बाल साहित्य के उत्थान में अहम् भूमिका का निर्वाह करती हैं . मुझे तो आपसे बहुत बल मिलता है . हाँ , आपने पुरानी यादों के रूप में बड़े ही संग्रहणीय चित्र प्रस्तुत किये हैं .इनमें आपके साथियों के नाम तो होने ही चाहिए . ... फिर सभी लोग जान पहचान सकेंगे . <br />आज बाल मंदिर (http://baal-mandir.blogspot.com/) में मयंक जी की कविता लगायी है . सतप्रेरणा के लिए आपका हार्दिक आभार . आपका अनुज नागेशडॉ. नागेश पांडेय संजयhttps://www.blogger.com/profile/02226625976659639261noreply@blogger.com